पुष्यभुति वंश

 • Vardhan Dynasty : 

• इस वंश के संस्थापक पुष्यभूति है, इसलिए इसे पुष्यभूति वंश भी कहा गया है ।

• यह गुप्त वंश के सामंत है ।



• प्रभाकर वर्धन :

• प्रभाकर वर्धन को परमभट्टारक , महाराजाधिराज भी कहा गया है।

• प्रभाकर वर्धन के दो पुत्र एवं एक पुत्री -


राज्यवर्धन : 

• प्रभाकर वर्धन के बाद इसका बड़ा पुत्र राज्यवर्धन राजा बना।

• राज्यवर्धन बंगाल के गौर शासक (शशांक)द्वारा मारा गया 


• हर्षवर्धन(606 - 647 AD) :

• यह प्रभाकर वर्धन का युवा पुत्र था।

• अपने भाई राज्यवर्धन के मृत्यु के बाद मात्र 16 वर्ष की आयु में 606 AD में राजा बना।

• यह वर्धन वंश का बहुत ही महान और प्रतापी शासक था।

• हर्षवर्धन शशांक और देवगुप्त से बदला लेता है।

• हर्षवर्धन के पास दो राजधानी थी - 1) थानेश्वर 2) कन्नौज (राज्यश्री के कहे अनुसार)

• हर्षवर्धन ने कुंभ को शुरू किया था - 

 हरिद्वार - गंगा नदी

 नासिक - गोदावरी

 प्रयागराज - गंगा और यमुना

 उज्जैन - क्षिप्रा


• राज्यश्री :

• यह प्रभाकर वर्धन की पुत्री थी।

• राज्यश्री का विवाह कन्नौज के मोखरी वंश के शासक ग्रहवर्मा के साथ हुआ था।

• देवगुप्त द्वारा ग्रहवर्मा मारा गया था और राज्यश्री का अपहरण किया गया ।


• नर्मदा का युद्ध (618 AD) :

• नर्मदा का युद्ध चालुक्य वंश के राजा पुल्केशीन 2 और हर्षवर्धन के बीच हुआ था।

• इस युद्ध में पुल्केशीन 2 की जीत हुई थी।

• इस युद्ध को एहोल अभिलेख में बताया गया है जो रविकीर्ति (पुल्केशिन का राज्य कवि) संस्कृत भाषा में लिखा गया है।

एहोल अभिलेख, मैसूर ,कर्नाटक


• हर्षवर्धन के शासन के साहित्य :

• बाणभट्ट (हर्षवर्धन के राज्य कवि) - कादमबिरी , हर्षचरितम , चंदीशतक

• हर्षवर्धन - रत्नावली , नागानंदी , प्रियदर्शिका


• हुएनत्सांग -

• हर्षवर्धन के शासनकाल के समय ही हुएनत्सांग भारत आया था।

• यह चीन के प्रसिद्ध यात्री थे ।

• यह 630 AD me बौद्ध शिक्षा के लिए आया और 645 AD में वापस गया।

• इसे यात्रियों का राजकुमार भी कहा गया था ।

• हर्षवर्धन को हुएनत्सांग ने शिलादित्य को उपाधि दी थी।

• हुएनत्सांग द्वारा लिखी गई एक किताब Tse - u - kee है।


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