Southern Dynasty
• चेर राज्य :
• संगमकालीन राज्यों में यह सबसे पुराना माना जाता था है।
• इसमे केरल एवं तमिलनाडु का हिस्सा शामिल था ।
• चेर राज्य की राजधानी कोरकई / वंजीपुर थी।
• चेर राज्य का प्रथम शासक उदयन जेराल था।
• चेर राज्य का प्रतीक चिह्न धनुष था।
• रोनंगुट्टवन ने सर्वप्रथम पत्नी पूजा प्रारंभ की।
• आदिग / ईमान आदिगमैन अंजी ने सर्वप्रथम दक्षिण भारत में गन्ने की खेती की शुरुआत की।
• कुडक्को इंजेराल इरपोरई अंतिम चेर शासक था।
• चोल राज्य -
• यह पेन्नार एवं वेल्वार नदी के मध्य स्थित था।
• इसकी राजधानी उत्तरी मनसूर/ उरैथूर / कावेरीपतनम थी।
• चोल राज्य का प्रतीक चिह्न बाघ था।
• चोल राजा ऐलारा ने श्रीलंका पर विजय प्राप्त की।
• करिकल - चोल राजाओ में सबसे महत्वपूर्ण थे
• वेण्णि के युद्ध में चेर एवं पाण्डय सहित 11 राजाओं को
हराया।
• वाहैप्परन्दलाई के युद्ध में 9 राजाओ को हराया।
• कावेरी नदी पर पुल बनवाया एवं राजधानी कावेरीपतनम स्थानांतरित की।
• पाण्डय वंश / राज्य :
• यह भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिण पूर्व भाग मे था।
• पाण्डय राज्य की राजधानी कोलकई / मदुरा थी।
• पाण्ड्य राज्य का प्रतीक चिह्न मछली था।
• पाण्ड्य राज्य का प्रथम- शासक पलशालईमुडुकुडुमी था।
• नल्लिवकोडन अंतिम शासक था।
• संगम साहित्य संरक्षण - पाण्डय वंश
• मेगास्थनीज द्वारा लिखित इंडिका नामक किताब में पाण्डय वंश मोती के लिए प्रसिद्ध थी ऐसा बताया गया है।
Note : चेर राज्य , चोल राज्य और पाण्डय वंश संगम काल के है।
• तमिल साहित्य -
• शिल्पादिकारम महाकाव्य -
• तमिलनाडु साहित्य का एलिक्ट
• तमिल भाषा में है
• इलिंगी एडिगल जो शेंगुटवन का भाई है ,के द्वारा लिखी गई है।
• तोलक्कापियम -
• Grammar of Tamil language
• Composed by तोलाक्कापियर
• राष्ट्रकूट वंश :
• राष्ट्रकूट वंश का संस्थापक दन्तिदुर्ग था।
• इसकी राजधानी मनकिर या मान्यखेत (वर्तमान मालखेड़, शोलपुर के निकट) थी।
• कृष्ण-1 :
• चालुक्यो का पुरी तरह विनाश किया।
• राजाधिराज परमेश्वर की उपाधि धारण की।
• उसने गंगो (उड़ीसा) की राजधानी मान्यपुर के उपर अधिकार किया।
• वेंगी के चालुक्य राज्य पर अधिकार किया।
• उसने एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर (गुहा मंदिरा) का निर्माण करवाया था।
• ध्रुव " धारावर्षा" (780 - 93 AD) :
• राजा बनने के लिए ध्रुव ने निरुपम , कालिवल्लभ, श्रीवल्लभ धारावर्ष की उपाधि धारण की।
• वह दक्षिण का प्रथम राष्ट्रकूट शासक था, जिसने उत्तर भारत की राजनीति मे भाग लिया तथा कन्नौज पर एक्सएल अधिकार को लेकर चल रहे त्रिपक्षीय संघर्ष मे भाग लिया।
• वत्सराज तथा धर्मपाल को पराजित किया।
• उसने अपने राजचिह्न पर गंगा और यमुना को प्रतीक रूप मे अंकित किया।
• अमोघवर्ष (814 - 78 AD ) :
• यह विद्या और कला का उदार संरक्षक था, उसने कविराजमार्ग नामक कन्नड़ भाषा में काव्यग्रंथ की रचना की थी।
• इनमें जिनसेन का नाम प्रसिद्ध था, जिसने आदिपुराण की रचना की थी।
• महावीराचार्य - " गणितसार संग्रह"
• इसके समय में अरब यात्री सुलेमान भारत आया था ।
• पल्लव वंश :
• पल्लव वंश का संस्थापक "सिंहविष्णु" को माना जाता है।
• इनकी राजधानी कांचीपुरम थी।
• इसने अवनिसिंह की उपाधि धारण की।
• सिंह विष्णु के दरबार मे संस्कृत का महान कवि भारवि रहता था।
• भारवी की प्रसिद्ध रचना किराताजुर्नियम थी।
• नरसिंहवर्मन - 1 :
• महेन्द्रवर्मन के बाद उसका पुत्र नरसिंहवर्मन शासक बना
• उसने पुलकेशिन द्वितीय के साथ युद्ध किया जिसमे पुलकेशिन द्वितीय की मृत्यु हो गयी।
• उसने महामल्लूपुरम् (महाबलीपुरम) नगर की स्थापना की।
• नरसिंहवर्मन मे चोल, चेरों, पांड्यों को भी पराजित किया था।
• चीनी यात्री हवेनसांग नरसिंहवर्मन के समय कांची आया था।
• इसने वातापी कोंड की उपाधि धारण की थी।
• नरसिंहवर्मन द्वितीय :
• इसने अपने राज्य में अनेक भव्य मंदिरों का निर्माण कराया।
• इन मंदिरों में कांची का कैलाशनाथ मंदिर, महाबलिपुरम का तथाकथित शोर मंदिर, काँची का ऐरावत मंदिर और पनामलई के मंदिर मुख्य है।
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