Jainism and Buddhism

 • जैन धर्म- 

→जैन धर्म की स्थापना का श्रेय जैनियो के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को जाता है। 

→जैन धर्म को संगठित करने एवं विकसित करने का श्रेय महावीर स्वामी को दिया जाता है। 

→जैन धर्म प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव या आदिनाथ थे।


• महावीर स्वामी - 

→जैन धर्म के 24वें तीर्थकर एवं वास्तविक संस्थापक थे। →जन्म- 500 ई० पू० (कुण्डग्राम, वैशाली)

→बचपन का नाम - वर्धमान महावीर

→पिता - सिद्धार्थ , माता-त्रिशला , पत्नी-यशोदा, पुत्रि - प्रियदर्शना , दामाद - जमाली (First follower of Mahaveer swami 

→गृह त्याग - 30 वर्ष की आयु

→ज्ञान प्राप्ति - 42 वर्ष की आयु 

→ज्ञान प्राप्ति स्थल (कैवल्य)- जृंम्भिक ग्राम (ऋजुपालिका नदी, साल का वृक्ष)

→प्रथम उपदेश राजगृह में 

→मृत्यु - पावापुरी (राजगृह), 468 ई० पूर्व


Note : At this time राजगृह king is  Samastipal.




• त्रिरत्न (Triratna) -

1) सम्यक ज्ञान 

2) सम्यक दर्शन

3) सम्यक चरित्र


• पंच महावृत -

1)अहिंसा

2) सत्य

3) अपरिग्रह (धन संचय नही करना)

4) अस्तेय (चोरी )

5) ब्रह्मचर्य (choosen by mahaveer)


• जैन संगीतिया -

• प्रथम जैन संगीति-

    स्थान - पाटलिपुत्र

    वर्ष - 300 ई० पूर्व

    अध्यक्ष- स्थूलभद्र


Note : इस संगीति मे जैन धर्म दो संप्रदायों में बँट गया था।        

             1) श्वेतांबर 

             2) दिगंबर

Note : भद्रवाह एवं उनके अनुयायियों को दिगम्बर कहा गया , ये दक्षिणी जैनी कहे जाते थे।


• द्वितीय जैन संगीति - 

  स्थान - वल्लभी (गुजरात)

  वर्ष - 512 A.D 

  अध्यक्ष - ईवर्धिगण

  Note : इस संगीति मे जैन ग्रंथो का संकलन किया गया।


• तीर्थकर एवं प्रतीक चिहन :-

 तीर्थकर                                        प्रतीक चिह्न

आदिनाथ / ऋषभदेव - 1st           वृषण / सांड / बैल 

अजितनाथ                                           हाथी

संभवनाथ                                             घोड़ा 

मल्लिनाथ                                            कलश

नेमिनाथ                                            नील कमल

अरिष्टनेमी                                              शंख

पार्श्वनाथ - 23वें                                      सांप 

महावीर स्वामी - 24वें                               सिंह


• जैन धर्म - 

• गौतम बुद्ध - 

→बौद्ध धर्म के संस्थापक

→जन्म - 563 ई० पूर्व ( लुंबनी, कपिलवस्तु) 

→बचपन का नाम - सिद्धार्थ

→गोत्र - शाक्य गण 

→अन्य नाम - बिम्बा , गोपा , भद्कछन्ना 

→पिता - शुद्धोधन, माता - माया देवी, पत्नी - यशोधरा, पुत्र - राहुल, सौतेली माँ - प्रजापति गौतमी (मौसी)

→गृह त्याग - 29 वर्ष मे 

→ज्ञान प्राप्ति - 35 वर्ष मे

→ज्ञान प्राप्ति स्थल - बोधगया ( उर्गवेला या पुनपुन/निर्जना नदी, पीपल पेड़ / बोधि वृक्ष ) , वैशाख पूर्णिमा

→प्रथम उपदेश - सारनाथ

→मृत्यु- (कुशीनगर, ऋषिपत्तनम , उत्तर प्रदेश), 483 BC, 

→गुरु - अलार कलाम


• त्रिरत्न -

1) बुद्ध 

2) धम्म

3) संघ


• त्रिपिटक

1)विनय पिटिक

2) सूत्त पिटिक

3) अभिदम्भ पिटिक 

→भाषा - पालि


• चार महत्त्वपूर्ण घटनाएँ -

→गृह त्याग - महाभिनिष्क्रमण 

→सम्बोधी - ज्ञान प्राप्ति

→प्रथम उपदेश - धर्म चक्र प्रवर्तन

→मृत्यु - महापरिनिर्वाण


• प्रमुख बौद्ध संगीतिया - 


• गौतम बुद्ध से संबंधित घटना और प्रतीक - 

      घटना                                 प्रतीक

बुद्ध का जन्म          →               कमल

गृह त्याग                →               घोड़ा 

ज्ञानोदय                 →             बोधि वृक्ष 

प्रथम उपदेश।         →                पहिया

मृत्यु                      →                स्तूप


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