Mahajanpadas
Source of Study of mahajanpadas -
1)बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय -16 महाजनपद का उल्लेख
2)जैन ग्रंथ भगवती सूत्र
3)जैन ग्रंथ महावस्तु
4)पाणिणी के अष्टाध्यायी - Grammer af Sanskrit
5)संगम साहित्य शिल्पादीकारम - Tamil language
• अंग -
• राजधानी चम्पा, प्राचीन नाम मालिनी
• क्षेत्र - आधुनिक भागलपुर व मुंगेर (बिहार)
• प्रमुख नगर- चम्पा (बंदरगाह), अश्वपुर, भद्रिका
• शासक - विम्बिसार के समय यहां का शासक ब्रहमदत्त था।
• ब्रहमदत्त को मगध के शासक बिम्बिसार ने पराजित कर अंग को मगध मे मिलाया था।
• अवन्ति -
• राजधानी - उज्जैन एवं महिष्मति
• क्षेत्र - उज्जैन जिले से लेकर नर्मदा नदी तक (उत्तर प्रदेश)
• शासक - महावीर स्वामी तथा गौतम कुछ के समकालीन यहाँ का शासक चण्ड प्रद्योत था।
• प्रमुख नगर - कुरारगढ़, मुक्करगढ़ एवं सुदर्शनपुर
• पुराणो के अनुसार अवन्ति के संस्थापक हैहय वंश के लोग थे।
• बिम्बिसार ने वैध जीवक को चण्ड प्रधोत के उपचार के लिए भेजा था।
Note: लोहे के खान होने के कारण यह एक प्रमुख एवं शक्तिशाली महाजनपद था ।
• अश्मक -
• राजधानी - पोटान / पैथान (प्राचीन नाम प्रतिष्ठान)
• क्षेत्र - नर्मदा एवं गोदावरी नदियों के मध्य का भाग
• स्थापना व शासक - इसकी स्थापना इक्बाकू वंश के शासक मूलक द्वारा किया गया था ।
• यह एक मात्र महाजनपद था, जो दक्षिण भारत मे स्थित था।
• जातक के अनुसार, यहाँ के शासक प्रवर अरुण ने कलिंग पर विजय प्राप्त की एवं अपने राज्य मे मिलाया।
• कालान्तर मे अवन्ति ने अश्मक राज्य पर विजय प्राप्त की।
• काशी -
• राजधानी - बनारस ,वाराणसी
• क्षेत्र - वाराणसी का समीपवर्ती क्षेत्र
• स्थापना - काशी का संस्थापक द्विवोदास था।
• शासक - काशी का शासक अजातशत्रु था।
• आजातशत्रु के समय ही काशी मगध का हिस्सा बना था।
• काशी का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद मे मिलता है।
• जातक के अनुसार राजा दशरथ एवं राम काशी के राजा थे।
• काशी वरुणा एवं अस्सी नदियो के किनारे बसा हुआ था।
• काशी सूत्री वस्त्र एवं अश्व व्यापार के लिए प्रसिद्ध था।
• कौशल -
• राजधानी - श्रावस्ती / कुसावती / अयोध्या
• क्षेत्र - आधुनिक अवध (फैजाबाद, गोण्डा, बहराइच) का क्षेत्र सरयू नदी ।
• शासक - बुद्ध के समकालीन यहाँ का शासक प्रसेनजित था।
• महाकाव्य काल मे उसकी इसकी राजधानी अयोध्या थी।
• प्रसेनजित ने अपनी पुत्री वजीरा का विवाह अजातशत्रु के साथ किया और काशी दहेज मे दिया था।
• कुल -
• राजधानी - इन्द्रप्रस्थ एवं हस्तिनापुर
• बुद्ध का समकालीन यहाँ का शासक कौरण्य था।
• इसका उल्लेख महाभारत एवं अष्टाध्यायी मे मिलता है।
• इस महाजनपद के अंदर मेरठ, दिवली व थानेश्वर का क्षेत्र आता है।
• पांचाल -
• राजधानी- अहिक्षत्र और काम्पिल्य
• यहाँ का शासक चुलामी ब्रहमदत्त था।
• इस महाजनपद के अंदर बरेली, बदायू, फर्रुखाबाद क्षेत्र शामिल थे।
• इसका उल्लेख महाभारत एवं अष्टाध्यायी मे मिलता है।
• सूरसेन -
• राजधानी- मथुरा
• यहां के शासक यदुवंशी भगवान कृष्ण थे।
• मेगस्थनीज की पुस्तक इण्डिका मे सूरसेन का उल्लेख मिलता है।
• यहाँ बुद्ध का समकालीन शासक अवन्तिपुत्र था।
• मल्ल -
• राजधानी - कुशीनारा, पावापुरी
• यहां का शासक ओक्काक था।
• यहाँ का शासन गणतंत्रात्मक था।
• इस महाजनपद मे ही, महात्मा बुद्ध को महापरिनिर्वाण प्राप्त हुआ था।
• वज्जि -
राजधानी- मिथिष्या। तैशाली यहे 8 गणराज्यो ( विदेह, लिच्छवी, वज्जी, ज्ञातृक , कुण्डग्राम, भोज, इक्कवाकु, कौरण्य) का संघ था।
• इनमें विदेह, लिच्छवी व वज्जी प्रमुख थे।
• कम्बोज -
• राजधानी- हाटक (वैदिक युग मे राजपुर)
• यहाँ पाकिस्तान का रावपिंडी, पेशावर, काबुल घाटी का क्षेत्र शामिल था।
• यह क्षेत्र श्रेष्ठ घोड़ो के लिए प्रसिद्ध था।
• महाभारत में यहाँ के दो शालक चन्द्रवर्मन एवं सुदक्षिण की चर्चा हुई है।
• चेदी -
• राजधानी- शुक्तिमति
• यहाँ महाभारत कालीन राजा शिशुपाल राज किया करता था, जिसका वध भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र द्वारा किया था।
• इस क्षेत्र मे मध्यप्रदेश व बुन्देलखण्ड का यमुना नदी क्षेत्र शामिल है।
• मत्स्य -
• राजधानी- विराटनगर
• इसमे राजस्थान के अलवर, जयपुर व भरतपुर का क्षेत्र शामिल था।
• मनु स्मृति मे मत्स्य का कुरुक्षेत्र, पांचाल एवं सुरसेन को ब्राह्मण मुनियो का अधिवास ब्रह्मर्षिदेश कहा गया है।
• मगध -
• राजधानी - गिरिव्रज / राजगीर / राजगृह
• यह आधुनिक बिहार के पटना एवं गया जिले तक व्याप्त था।
Note : पुराणों एवं बौद्ध , जैन ग्रंथ के अनुसार मगध पर सर्वप्रथम शासक वंश को लेकर मतभेद है।
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